14.3.11

सफेद आक या मदार के औषधीय प्रयोग



जोड़ों का दर्दः आक की बंद कलियाँ, अडूसे के सूखे पत्ते, काली मिर्च और सोंठ सभी को समान मात्रा में मिलाकर कूट पीस लें और इसमें पानी के छींटे मारकर मटर के बराबर गोलियाँ बना लें। एक गोली सूर्यास्त के बाद गर्म पानी से सेवन करें। जब तक जोड़ों के दर्द में आराम न मिले तब तक सेवन करें। जोड़ों के दर्द के लिए यह सस्ता और बहुत ही लाभप्रद नुस्खा है।क
दादः आक का दूध और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाती है।
अँगूठा पकनाः अँगूठा पकने पर दर्द व जलन के कारण बेचैनी होती है। निम्नलिखित प्रयोग से बिना चीरफाड़ के इससे छुटकारा मिलता है।
प्रयोग विधिः अँगूठे पर आक के दूध की कुछ बूँदें टपकाकर ऊपर से आक का पत्ता बाँध दें। तीन घंटे के अंतर से यह प्रक्रिया दोहराते रहें। इससे अँगूठा पककर मवाद बाहर निकल आयेगा। जब तक मवाद निकलता रहे तब तक यह प्रक्रिया दोहराते रहें। बाद में नीम के पत्ते डालकर उबाले हुए पानी से घाव को धो लें, फिर नीम की पत्तियों को पीसकर बाँध दें। घाव भरकर ठीक हो जायेगा।
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अमृत बिन्दु
आप अष्टधा प्रकृति (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि और अहंकारक) नहीं हो। आप अष्टधा प्रकृतिरूपी साधन का उपयोग करने के लिए आये हो। आप उसे सत्ता, स्फूर्ति, चेतना देने वाले और जानने वाले हो। जो जानने वाला है, वह अपने को अष्टधा प्रकृति से मिला हुआ मानकर जीव हो जाता है। अगर जाननेवाला अपने को जीव नहीं माने तो वही ब्रह्म है।
पूज्य बापू जी
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स्वास्थ्य रक्षा के कुछ सरल प्रयोग
स्वप्न दोष में- दो खूब पके केलों का गूदा निकाल कर खूब फेंट लें। फिर उसमें हरे आँवलों का रस 1 तोला (11.5 ग्राम) तथा शुद्ध शहद 1 तोला मिलाकर सुबह शाम चाटें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
गुलाब की पंखुड़ियों से बना गुलकन्द रक्त को बढ़ाकर शरीर की दुर्बलता को कम करता है। हृदय व मस्तिष्क को शक्ति तथा शीतलता प्रदान करता है।
बल-वीर्यवर्धक प्रयोगः मुलहठी चूर्ण व अश्वगंधा चूर्ण 5-5 ग्राम लेकर उसमें थोड़ा सा घी मिला के चाटें और ऊपर से 1 गिलास मिश्री मिला हुआ दूध पी लें। यह प्रयोग लगातार 60 दिनों तक सुबह शाम करने से बल-वीर्य की वृद्धि होती है और शरीर पुष्ट होता है।
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तुलसी और चमेली के पत्ते चबाने से मसूड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
त्रिफला चूर्ण में मिश्री मिलाकर गुनगुने पानी से लेने से पेटदर्द ठीक हो जाता है।
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पारिवारिक कलहनाशक प्रयोग
पति-पत्नी में झगड़ा हो गया हो और उसका शमन करना हो तो पति-पत्नी दोनों पार्वती जी को तिलक करके उनकी ओर एकटक देखें तथा प्रार्थना करें। अगर पति पत्नी को निकाल देना चाहता हो तो पत्नी यह प्रयोग करे। इससे झगड़ा शांत हो जायेगा।
स्रोतः लोक कल्याण सेतु, नवम्बर 2010, अंक 161
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